जिन्नात से दोस्ती करने का अमल 4.91/5 (11)

जिन्नात से दोस्ती करने का अमल

जिन्नात से दोस्ती करने का अमल – Jinnat Se Dosti Karne Ka Amal, जिन्न खुदा का बनाया हुआ एक ऐसा तोहफा है जिससे आप जो चाहे करवा सकते हो. बस किसी भी तरह उससे दोस्ती करके, इसलिए आज हम आपको जिन्नात को हासिल करने का अमल और जिन्नात को काबू करने का अमल बतायेगे. इस अमल को जिन्नात को हाजिर करने का अमल भी कहा जाता है.

Jinnat Se Dosti Karne Ka Amal

यह अमल दिखने में बहुत ही आसान है।लेकिन इस अमल की तासीर बहुत है जो भी इस अमल को शुरू करें।एक बार सलाह और मशवरा नुमाइश जरूर कर लें।कुछ अमलकी रूहानी ताकत ज्यादा होती हैऔर कुछ की कम।अमल की फजीलत बेशुमार है।जिस तरह से आम लोगों से दोस्ती करना कभी कभी मुश्किल हो जाता है।

उसी तरह जिन्नातों से भी दोस्ती करनीमें थोड़ी बहुत तकलीफ होती हैं।इनंतेहाई और आसान अमन है।जिसको करने के बाद आपको किसी और अमल की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह इतना असरदार अमलहै।कि अगर आप इसको कर लेंगे।तो आपको कभी भी दूसरा अमल करने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी।

जिन्नात से दोस्ती करने का अमल

जिन्नात से दोस्ती करने का अमल

आपको एक चीज का परहेज करना लाजमी है।आपको किसी भी तरह का गोश्त खाने से परहेज करना है।अमल की शुरुआत करने के लिए आपको रोजाना 313 बार सलाम वालेकुम या मखलूक गैब पढ़ कर सोना है।सुबह उठे मुंह धोने के बाद आप को नमाज फजर अदा करने के बाद जैसे ही सूरज निकले आपको कब्रस्तानजाना है।

उस कब्रिस्तान के दरवाजे पर खड़े होकर आपको ऊंची आवाज में यह कहना है।अगर आप चाहे तो 21 बार या फिर 40 बार इसको पढ़ना है।अस्सलाम वालेकुम या मखलूक गैब।अगर 21 बार कहेंगे तो थोड़ा टाइम लगेगा।देर में हाजिर होगी।अगर उसी चीज को 41 बार कहेंगे तो हाजरी जल्दी होगी।

41 दिन के अमल के बीच जिन्नात हाजिर हो जाएगा। और आपकी दोस्ती उससे जुड़ जाएंगे।आप उससे अपना काम ले सकते हैं।जो भी आपकी जरूरत आपका काम हो।आप उससे मदद ले सकते हैं और अपनी दोस्ती को आगे बढ़ा सकते हैं।

जिन्नात को हाजिर करने का अमल

जिन्नात को हाजिर करने का अमल – Jinnat Ko Hazir Karne Ka Amal।हमारे मुआसरे में यह बात सुनते आती हैं।कि फला लड़की लड़के को जिन आते हैं।जिन्नातकीहाजरी के लिए चलते हैं अमल की शरायत की तरह।अमल की कुछ शरायत है।जिसको आपको इतेहात के साथ अमल के दौरान करें।येशरायतइस तरह है।

इसको कमजोर दिल वाले हरगिज़ ना करें।इस अमल की इजाजत औरत और मर्द दोनों को है।अगर जिन्नात हाजिर हो जाए तो अतल कुर्सी पढ़े।अमल करने के लिए कमरा एकदम अलग हो।उस कमरे में आप और वह शख्स हो जिसके ऊपर हाजरी आने वाली हो तीसरा कोई शख्स मौजूद नहीं होना चाहिए।

खुद पर कभी भी अमल ना करें क्योंकि इससे आपको नुकसान बहुत होसकता है।अमल करने से पहले अमल में काम आने वाली चीजों को पहले से ही ले कररख लें।अमल के लिए 3 नक्स जरूर तैयार करनी है।लोहे कुरानी को तहरीर करके आप को सफेद कपड़े सफेद कागज पर लिखना है।

Jinnat Ko Hazir Karne Ka Amal

और जब जिन हाजी हो तो उस शख्स के उल्टे बाजू पर बांधना है। لوحقرانیتعویذلحمعسقكهيعصتنزيلالعزيزالرحيم 4 अगरबत्ती लेना है।एक छोटी बोतल गुलाब की ले।इस अमल की इजाजत आम और खास सभी को है।उस शख्स को अलग कमरे में लेकर जाना है।गुलाब से पूरे कमरे महका देना है।

अगरबत्ती को भी जला कर दरवाजे करीब लगा देना है खिड़की खुली रखें। तसव्वर कायम करें।7 बार मूबीनआनेतक अतल कुर्सी पढ़ते रहें।उस शख्स की हथेली पर दम करना है।जिन्नात हाजिर होगा।जिन्नात की हाजरी होने के बाद उससे सवाल करें।

कि वह मुस्लिम है या गैर मुस्लिम अगर मुस्लिम होतो उसको हजरत सुलेमान रजीअल्लाह तालाअन्हा की कसम ले।कि दोबारा वह नहीं आएगा और ना ही परेशान करेगा।अगर गैर मुस्लिम हो तो उसको मुस्लिम तरीके से जला दे।

जिन्नात को काबू करने का अमल

जिन्नात को काबू करने का अमल – Jinnat Ko Kabu Karne Ka Amal, ।इस वजीफे को आप जब चाहे तब से शुरू कर सकते हैं।नौचंदी जुमेरात से करने की कोई शर्त नहीं है।आपअपने मन मुताबिक चाहे कर सकते हैं।और जिसको आप रमज़ान में भी कर सकते हैं।इस वजीफे की एक शर्त है कि आप को 7 दिनइस अमल को जारी रखना है।

आपको 7 दिनों तक कसरत से अस्तगफिरुल्लाह पढ़ना है। أشتراللهالبريلاإلهإلاهوالحيالقيوموأتوبإليه अस्तगफिरुल्लाहहलअज़ीमल्लज़ीलाईलाहाईल्लाहुवलहय्युलकय्यूमुवाअतूबुइलैही।बावजूद की हालत में ही रहना है 7 दिनों तक।अमल आपको 7 दिनों तक करना है।बादनमाज़ईशा की अदा करने के बाद कम से कम 1100 बार आपको सूरह कौसर की तिलावत करना है।

انااعطيكالكوثرفصللربكاناشانئكهواكتر सूरह कौसर मुजरिफ है।अमल केबीच आपको एक चीज का खास ख्याल रखना है।अगर आप इस अमल 11:00 बजे करते हैं।तो 7 दिनों तक आपको 11:00 बजे ही करना है। इस अमल की शर्त यह है।

Jinnat Ko Kabu Karne Ka Amal

कि इसको एक मुकर्रर वक्त में करना है।इस अमल के दौरान आप कोई गलत चीज ना देखें।कोई गलत काम ना करें, चुगली गीबत से बचें, वगैरा-वगैरा।आजमुदाअमल है अगर आप गलत काम करेंगे तो इसका असर नहीं होगा।यह उन लोगों पर बहुत तेज असरकरता है।

जिनके दिल में अल्लाह का खौफ, मोहब्बत,अल्लाह पर यकीन पक्का होता है।सातवेदिनआपको एक ऐसा शख्स मिलेगा।यह अंजाम शख्सहाजिर होगा।और आपको कुछ देगा उसको आप संभाल कर अपने पास रख ले।जहां पर पैसा रखते हैं इंशाअल्लाह इतनी बरकत होगी आपके पैसे में कि आप सोच भी नहीं सकते।जिन को काबू करने का अमल है।

जिन्नात को हासिल करने का अमल

जिन्नात को हासिल करने का अमल – Jinnat Ko Hasil Karne Ka Amal।आज कल हम किसी ना किसी जिन्नात को अपने काबू और उसको अपने हाथों में हासिल करना चाहते है।उसकी पकड़ को अपने हाथों में लेना चाहते हैं।और उसेअपनी जरूरत के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं।

अपने कामों को उससे करवाने ख्वाहिश रखते हैं।और तकलीफ को आसान करने के लिए हमें जिन्नात को हासिल करने का अमल करना पड़ता है।कईबारऐसा होता है कि हमें अमल के बारे में कोई ज्यादा मालूमात नहीं होती है।

और हम अमल का इस्तेमाल करते हैं।लेकिन कामयाबी नहीं पा सकते हैं। और ऐसे ही नाकाम कोशिशों के बावजूद हम हार जाते हैं।लेकिन अब जो अमलहम आपके सामने लेकर हाज़िर हैं।इसअमलसे आप जिन्नात को हासिल कर लेंगे।

Jinnat Ko Hasil Karne Ka Amal

अमल के लिए आपको कुछ चीजों की जरूरत पड़ेगी।आप इन चीजों को अमल शुरू करने से पहले ही लेकर अपने पास रखलें।वह चीजें यह है और हम आपको इन चीजों का इस्तेमाल करने का तरीका भी बताते हैं।सबसे पहले आपको एक नींबू लेना है,

एक कच्ची मिट्टी की हांडी लेना है, चार सूखी लाल मिर्च लेनी है, ₹1 का सिक्का लेना है, 100 ग्राम काली उड़द की दाल लेना है और 2 मीटर पीला कपड़ा। यह सामान आपको अमल के दौरान चाहिएहोगा।आपकोकरनायह है कि सब से पहले आप एक हांडी मे निम्बू को निचोड़ ले।

फिर उसके बादचारो मिर्चा को एक रुपये का सिक्का डाल ले फिरउड़द की दाल डाले।फिरजिन्नात के बारे मे तसव्वर कर तीन बार फूक लगाऐ।हांडे को पीले कपड़े पर रखे दे और 2 गांठ बांधकर उस हांडी को किसी पानी में बहा दें।जिस जिन्नात को चाहेंगे इस अमल के जरिए हासिल कर सकते हैं।

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दुश्मन को बर्बाद करने का अमल

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